अगले महीने से बंद होने जा रहा हैं Fast-Tag, फिर इस तरीके से देना होगा टोल टैक्स 

Earn By Learn Digital Desk: Fast-Tag: जब हम हाईवे पर कार से लंबी दूरी तय करते हैं तो हमें टोल प्लाजा से गुजरना पड़ता है और हर वाहन चालक को टोल चुकाना पड़ता है। लेकिन पहले Toll Plaza पर कैश के जरिये टैक्स देते थे। जिससे टोल देने में काफी समय लग जाता था और टोल टैक्स पर गाड़ियों की लंबी लाइने लग जाती थी।

इस काम को सरकार ने आसान बनाने के लिये फास्टैग (Fast-Tag) का उपयोग किया जिससे लोगो का समय और पैसों दोनों की बचत हो जाती हैं लेकिन अब सरकार ने अब एक नया प्लान तैयार किया है जिसके तहत अब नए तरीके से टोल काटा जाएगा। आइए नीचे खबर में जानते हैं विस्तार से-

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin gadkari) ने बताया कि केंद्र सरकार ने भारत में सभी टोल बूथों को हटाने और वाहनों के लिए GPS-Satellite बेस्ड टोल कनेक्शन सिस्टम (GPS-Satellite Based Toll Connection System) लागू करने का फैसला लिया है। भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों पर चलने वाले वाहनों से केंद्र सरकार (Central government) टोल वसूलती है। 

इसके लिए सर्कार ने हर जगह पर टोल शुल्क बूथ को स्थापित किये हैं और उन बूथो के माध्यम से टोल शुल्क वसूला जा सकता हैं केंद्र सरकार (Central government) ने वाहनों के लिए फास्टैग कार्ड (Fast-Tag Card) को भी अनिवार्य कर दिया है। इससे वाहन चालक अपने कार्ड को रिचार्ज कर सकते हैं और उससे वाहनों चालक को बिना कोई परेशानी के टोल प्लाजा आसानी से पार कर सकते हैं बिना टाइम गमाये 

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टोल शुल्क में भुगतान और देरी की समस्या के कारण सरकार ने फास्ट टैग (FASTag) कार्ड की शुरुआत की थी, जिससे वाहनों को टोल बूथ पर इंतजार किए बिना जल्दी से गुजरने की अनुमति मिलती थी। हालांकि, Fast-Tag कार्ड का इस्तेमाल करने पर भी टोल बूथ पर लंबी कतार लग जाती है। जिसको लेकर सरकार इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है।

केंद्र सरकार (Central government) ने एक बड़ा फैसला लिया हैं की GPS-आधारित टोल संग्रह प्रणाली शुरू करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में एक सवाल के रखा की टोल प्रणाली को लेकर दुनिया की सबसे अच्छी तकनीक, सैटेलाइट आधारित प्रणाली जल्द शुरू की जानी चाहिए। ताकि किसी को कोई परेशानी का सामना न करना पड़े।

सेटेलाइट आधारित प्रणाली शुरू करने के बाद टोल नाके हटा दिए जाएगे केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (central minister nitin gadkari) ने एक अहम घोषणा की है। वर्तमान में GPS-आधारित टोल संग्रह प्रणाली अगले महीने से ही लागू होगी। उन्होंने यह भी कहा कि इससे सीमा शुल्क बूथ पूरी तरह से हट जाएंगे और लोगों को वाहनों में GPS सिस्टम का इस्तेमाल कर सीमा शुल्क का भुगतान करना होगा। बता दें कि आगामी लोकसभा चुनावों की घोषणा से पहले इसके लागू होने की उम्मीद है।

अब आपको बुथो पर गाडियों की लंबी कतार में खड़ा नही होना पड़ेगा। क्युकि जिनके पास फास्टैग कार्ड नहीं है अब उन्हें दो बार भुगतान करने की कोई जरूरत नहीं है। आप अपने वाहनों में लगे जीपीएस (GPS) के माध्यम से सीधे अपने बैंक खाते में भुगतान कर सकते हैं।

इसके अलावा हर जगह लगे नंबर प्लेट सर्विलांस कैमरों के जरिए आपकी कार पर नजर रखी जाएगी और आपकी कार किस इलाके से और किस समय गुजरी है, उसके आधार पर टोल शुल्क वसूला जाएगा। फिलहाल केंद्र सरकार ने Fast-Tag कार्ड के लिए KYC करने की समय सीमा 29 फरवरी तक बढ़ा दी है। यह भी निर्देश दिया है कि जिन FasTag कार्ड का KYC नहीं किया गया, उन्हें निष्क्रिय कर दिया जाएगा।

Fast-Tag : 10 सेकेंड से ज्यादा हुआ वेटिंग टाइम

 मई 2021 में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) एक नियम लाई थी, जिसका मकसद यह था कि टोल पर कोई भी वाहन 10 सेकेंड से ज्यादा ना रुकना चाहिए. अगर इससे ज्यादा समय पर टोल पर वाहन रुका तो वाहन चालक बिना टोल दिये जा सकता हैं नियमों के अनुसार, अगर टोल प्लाजा पर ज्यादा भीड़ है, तो भी वेटिंग टाइम किसी भी वाहन का 10 सेकेंड से ज्यादा नहीं होना चाहिए.

Fast-Tag : 100 मीटर से ज्यादा लंबी हुई कतार 

अगर टोल पर 100 मीटर से लंबी गाडियों की कतार लग गई तो 100 मीटर के दायरे के बाहर गाड़ी खड़ी करके इंतजार कर रहे हैं तो बिना टैक्स दिए जा सकते हैं. नियमों के अनुसार, इस 100 मीटर के दायरे को दर्शाने के लिए हर टोल प्लाजा पर एक पीली पट्टी अवश्य लगी होनी चाहिए. अगर ऐसा होता है और आपको परेशानी होती है या टैक्स भरने के लिए जोर-जबरदस्ती की जाती है तो आप NHAI के हेल्पलाइन नंबर (1033) पर बात करके सहायता प् सकते हो 

दूरी, बनावट, वाहन के आकार पर टोल टैक्स तय होता

अगर आप टोल टैक्स नगद देने की बजाए आप Fast-Tag का इस्तेमाल करते हो तो आपको बहुत सस्ता पड़ता हैं Fast-Tag को अब सरकार द्वारा अनिवार्य कर दिया गया है. इसका मकसद  यह हैं की वेटिंग टाइम को कम करना और फ्यूल की बर्बादी को रोकना है. वहीं, अगर यह जानना हो कि Toll Tax किस तरह चार्ज किया जाता है तो यह सड़क की दूरी, बनावट, वाहनों के आकार आदि पर निर्भर करता है. वैसे, एक टोल प्लाजा से दूसरे टोल प्लाजा के बीच की दुरी 60 किलोमीटर होती है

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