Tata Motors Share : टाटा मोटर्स के स्टॉक में मंगलवार (5 मार्च) को शुरुआती इंटरव्यू के दौरान बड़ी हलचल हुई। सप्ताह के दूसरे बिजनेस दिवस पर कंपनी की हिस्सेदारी 4.16 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 1028.80 रुपये का कारोबार हुआ। कंपनी के स्टॉक्स ने बिजनेस सेशन के दौरान 1,065.60 रुपये की ऊंचाई (लगभग 5% की बढ़त के साथ) भी हासिल की। स्टॉक में यह तेजी कंपनी द्वारा सोमवार को की गई घोषणा के बाद आई है कि कंपनी संस्थाओं को दो अलग-अलग रूप में बाटने की बात कर रही है।
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कंपनी द्वारा दिए गए समझौते के अनुसार, एक इकाई में वाणिज्यिक वाहन व्यवसाय और उससे संबंधित निवेश शामिल होंगे, जबकि दूसरी इकाई में यात्री वाहन, इलेक्ट्रिक वाहन और जेआरएल सहित सभी यात्री वाहन व्यवसाय और उससे संबंधित निवेश शामिल होंगे।
Tata Motors Share : टाटा मोटर्स के अलग होने का कारण क्या है?
टाटा मोटर्स ने शेयर दस्तावेजों की औपचारिक सूचना में कहा कि टाटा मोटर्स के सभी शेयर वैसे ही रहेंगे। कंपनी ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में टाटा मोटर्स के वाणिज्यिक वाहनों (सीवी), यात्री वाहनों (पीवी+ईवी) और जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) से जुड़े व्यवसायों ने अलग-अलग रणनीतियों को सफलतापूर्वक लागू करके मजबूत प्रदर्शन दिया है।” कंपनी के अनुसार 2021 से, ये व्यवसाय अपने अलग-अलग सीईओ के तहत स्वतंत्र रूप से काम कर रहे हैं।
कर्मचारियों, उद्यमों और उपभोक्ताओं पर क्या प्रभाव पड़ा?
टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने कहा कि डीमर्जर को पूरा होने में 12-15 महीने लग सकते हैं और इसका कर्मचारियों, ग्राहकों और व्यापारिक भागीदारों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। हाल ही में, टाटा मोटर्स ने घोषणा की कि फरवरी 2024 के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में बिक्री फरवरी 2023 के 79,705 इकाइयों की तुलना में 86,406 रही। सालाना आधार पर इसमें 8% की वृद्धि दर्ज की गई थी। घरेलू बाजार में कुल बिक्री 84,834 इकाई रही, जो आधार से 9% अधिक है। दूसरी ओर, घरेलू कैथेड्रल चर्च की बिक्री 4% घटकर 33,576 इकाई रह गई। जबकि फरवरी 2024 में घरेलू यात्री वाहन की बिक्री 20% बढ़कर 51,267 इकाई हो गई।
Tata Motors Share : डीमर्जर पर क्या है बाजार का अनुमान?
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि कंपनी के हर सेगमेंट को और मजबूत करने के लिए डिमर्जर का यह कदम उठाया गया है। नई सोच के साथ ऊंची विकास दर हासिल करने के लिए यह फैसला लिया गया है. यह एक बहुप्रतीक्षित एवं रणनीतिक कदम है। कंपनी के इस फैसले को तार्किक प्रगति के तौर पर देखा जाना चाहिए. ऑटो सेक्टर के विशेषज्ञों का मानना है कि डीमर्जर से टाटा मोटर्स को विकास के अवसरों को बेहतर ढंग से भुनाने और लंबी अवधि के शेयरधारकों के लिए मूल्य बढ़ाने में मदद मिलेगी।