Pulse Polio Abhiyan 2024 : क्या बच्चो के लिए जरुरी हैं पोलियो की दवा, समझे राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान का महत्व

Pulse Polio Abhiyan 2024 : देशभर में आज 3 मार्च से पल्स पोलियो अभियान शुरू हो रहा है। पल्स पोलियो अभियान में पुरे भारत वर्ष में 0 से 5 साल तक के बच्चों को पोलियो की दवाई पिलाई जाएगी। इस अभियान (Pulse Polio Abhiyan) के दौरान हर एक घर पर जाकर और स्वास्थ्य केंद्रों पर पोलियो की दवा बच्चों को फ्री में पिलाई जाती हैं। आखिर पोलियो की दवा बच्चों के लिए क्यों जरूरी है, आइए जानते हैं।

पोलियो से जीवन तबाह

पोलियो वायरस का संक्रमण बच्चों को बहुत नुकसान पहुंचाता है। यह वायरस आमतौर पर पानी से फैलता है, और इससे बच्चे अस्वस्थ हो सकते हैं। और भारत समेत कई देशों में पोलियो बच्चों के लिए एक अभिशाप था। जिसे भी शिकार करता उसकी जिंदगी नर्क बन जाती हैं। शरीर नाकाम हो जाता। कम उम्र में दर्दनाक मौत हो जाती और लाखों परिवार इस बीमारी से प्रभावित थे।

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Pulse Polio Abhiyan : पोलियो के लक्षण

पोलियो एक आम फ्लू जैसा होता है। और शुरूआती में इसके ज्यादा लक्षण का भी पता नही लगता है। 

  • बुखार
  • सिरदर्द
  • उलटी या बहिया यात्रा
  • सुनने में कमी या दिक्कत
  • चिंगारी या जलन
  • गले में खराश या दर्द
  • गले में बहुत ज्यादा दर्द या सूजन
  • तापमान में वृद्धि
  • गंभीर थकान
  • चिंता या चिंताजनक विचारों का अनुभव
  • मानसिक संतुलन में कमी
  • पेट में दर्द या अन्य पेट के लक्षण
  • गर्दन दर्द या स्थिरता
  • पेट में अपेक्षित दर्द या गैस की समस्या

इस तरह फैलता हैं पोलियो 

पोलियो एक संक्रामक रोग है, जो वायरस के कारण होता है। पोलियो दूषित पानी या भोजन या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से फैलता है। यही पक्षाघात का कारण भी बनता है। यह सबसे सामान्य तरीका है जिसमें वायरस एक व्यक्ति के संपर्क में आने से एक दूसरे के शरीर में प्रवेश कर सकता है। जब संक्रमित व्यक्ति की वायरस से संदिग्ध पानी या खाद्य लेता है, और उस पानी या खाद्य में पोलियो वायरस होता है, तो यह संक्रमण हो सकता है। बाज़ार में, पोलियो वायरस का संक्रमण जीवाणुओं और पक्षियों के बीच भी हो सकता है, जो किसी अन्य जीवाणु से माध्यमिक रूप से मानवों तक पहुँच सकते हैं।

Pulse Polio Abhiyan : पोलियो टीकाकरण का महत्व

WHO ने पोलियो को विश्वभर में खत्म करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए पोलियो (Polio) टीकाकरण के प्रसार को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि संभावना हो, यह बीमारी पूरी तरह से खत्म हो सके। बच्चों को पहली खुराक तब दी जानी चाहिए जब वे 2 महीने के हों, फिर 4 महीने के हों। अगली खुराक 6 महीने से 18 महीने के बच्चों और 4 से 6 साल के बच्चों को दी जानी चाहिए।

पोलियो मुक्त भारत

भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल के बाद वर्ष 1995 में 100% कवरेज के लक्ष्य के साथ यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम के साथ पल्स पोलियो अभियान कार्यक्रम शुरू किया था। जिसके बाद देशभर में सघन अभियान चलाया गया। बच्चों को पोलियो की दवा फ्री में पिलाई गई। इस अभियान का फायदा यह हुआ कि पूरा देश पिछले 12 सालों से पोलियो मुक्त है।

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